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Lyrics of Humnava by Mithoon,Papon

chorus

ऐ हमनवा, मुझे अपना बना ले
सूखी पड़ी दिल की इस ज़मीं को भिगा दे
Hmm, हूँ अकेला, ज़रा हाथ बढ़ा दे
सूखी पड़ी दिल की इस ज़मीं को भिगा दे

pre-chorus

कब से मैं दर-दर फिर रहा
मुसाफ़िर दिल को पनाह दे
तू आवारगी को मेरी आज ठहरा दे

chorus

हो सके तो थोड़ा प्यार जता दे
सूखी पड़ी दिल की इस ज़मीं को भिगा दे

verse

मुरझाई सी शाख़ पे दिल की फूल खिलते हैं क्यूँ?
बात गुलों की, ज़िक्र महक का अच्छा लगता है क्यूँ?

pre-chorus

उन रंगों से तूने मिलाया
जिन से कभी मैं मिल ना पाया
दिल करता है तेरा शुक्रिया
फिर से बहारें तू ला दे

chorus

दिल का सूना बंजर महका दे
सूखी पड़ी दिल की इस ज़मीं को भिगा दे
Hmm, हूँ अकेला, ज़रा हाथ बढ़ा दे
सूखी पड़ी दिल की इस ज़मीं को भिगा दे

verse

वैसे तो मौसम गुज़रे हैं ज़िंदगी में कई
पर अब ना जाने क्यूँ मुझे वो लग रहे हैं हसीं

pre-chorus

तेरे आने पर जाना मैंने
कहीं-ना-कहीं ज़िंदा हूँ मैं
जीने लगा हूँ मैं अब ये फ़िज़ाएँ
चेहरे को छूती हवाएँ

chorus

इनकी तरह दो क़दम तो बढ़ा ले
सूखी पड़ी दिल की इस ज़मीं को भिगा दे
हो, हूँ अकेला, ज़रा हाथ बढ़ा दे
सूखी पड़ी दिल की इस ज़मीं को भिगा दे
Writer(s): Sayeed Quadri, Mithun Naresh Sharma

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